रविवार, 27 नवंबर 2011

मैं ऐसा भी कमज़ोर नहीं............!!!!

गुज़रते हुए वक्त को कैद कर पाना,
शायद किसी  के बस में नहीं,
मगर हाँ, वक्त की आगोश में कैद...
हर लमहे को भरपूर जी पाना,
इतना मुश्किल भी  नहीं,,
और जब तक हम जिंदा हैं,
तब तक हमको जीने न दे, ये वक्त...
ऐसा कातिल भी नहीं|
वक्त, इस जिस्म को बूढा ज़रूर कर सकता है, मगर
मेरे दिल, मेरी रूह पर इसका कोई जोर नहीं...
मेरा बचपन, मेरी हंसी और मेरी जवानी..
कोई मुझ से छीन सके,
मैं ऐसा भी कमज़ोर नहीं.............!!!!