रविवार, 5 फ़रवरी 2012

कई चेहरे यहाँ पर इश्तेहारों में छपे होंगे.......!!

कई चेहरे यहाँ पर,, इश्तेहारों में,, छपे होंगे.......!!
मगर कुछ नाम है जो दिल के कागज पर लिखे होंगे

कहीं पर धूप भी होगी,,, कहीं बादल भी छाएंगे ...
सफर में हैं तो अपने दरमियाँ, ये सिलसिले होंगे..

कभी काँटों से बचते हैं,, कभी फूलों से मिलते हैं...
कहीं है कांच के टुकड़े,,,,, कहीं पर आईने होंगे ..

मुझे तनहाइयों ने इस कदर अपना बनाया है..
बहुत से दोस्त हमको बेवफा भी कह रहे होंगे ..

बड़ी उम्मीद उनकी मुस्कराहट ने हमें दे दी..
मगर मालूम क्या था वो भी पत्थर के बने होंगे..

2 टिप्‍पणियां: