शुक्रवार, 30 मार्च 2012

मेरे कर्फ्यू के शहर का, एक मंज़र दिल में है.......!!!

एक सहरा है नज़र में, और समंदर दिल में है,
मुस्कराहट है लबों पर और खंजर दिल में है.!

हर किसी दर पे है सांकल और खिड़की बंद है
मेरे कर्फ्यू के शहर का, एक मंज़र दिल में है.!

नाउम्मीदी बन के मुखबिर बेबसी से जा मिली
बेकरारी का अनोखा सा,, बवंडर दिल में है....!

आईने को,, तोड़ने की,, साजिशें देखो ज़रा...
हाथ में हैं फूल कितने और पत्थर दिल में हैं.!

वक्त ने बेघर किया तो भी हमें परवाह क्या..
चाँद से भी खूबसूरत खुशनुमा घर दिल में है.!

मुझे इस उम्र में बच्चा,,, बना देता है वो बच्चा...........

बिना ही बात, रातों को, जगा देता है वो बच्चा,
मुझे कितने सवालों में,, फंसा देता है वो बच्चा|

कभी मुस्कान में उसकी,,,,, सवेरा ढूँढ लेता हूँ,
कभी रोकर मुझे भी तो, रुला देता है वो बच्चा|

मुझे मंदिर की,मस्जिद की ज़रूरत ही नहीं होती,
मुझे भगवान की मूरत,, दिखा देता है वो बच्चा|

मैं अपनी उम्र, अपनी उलझनों को भूल जाता हूँ,
मुझे इस उम्र में बच्चा,,, बना देता है वो बच्चा.|

कभी तनहाइयां होती हैं,,, तो मैं सोचता भी हूँ..,
मुझे पल में कभी मुझसे मिला देता है वो बच्चा|

बुधवार, 14 मार्च 2012

फिर से लेकिन वो मसीहा खो न जाये देखना..!

आज जो अपना है कल वो खो न जाये देखना,
जिसका डर है हादसा फिर हो न जाये देखना.!

हमने कुछ विश्वास के,,, पौधे लगाये थे जहां
कोई शंकाओं के कांटे,, बो न जाये देखना....!

आजकल तालाब क्या नदियाँ भी गन्दी हो गयीं
बादलों का जल भी मैला,,, हो न जाये देखना...!


हमने हँसते खेलते,,,,,, आंसू छुपाए हैं सदा
सोचकर इस दर्द को वो रो न जाये देखना...!!

इक सदी के बाद वो,, दीपक लिए लौटा तो है
फिर से लेकिन वो मसीहा खो न जाये देखना..!

शुक्रवार, 9 मार्च 2012

तू ने ये कैसा जादू है किया.................

बता दे मुझे तू ये ज़रा,
तुने ये कैसा जादू है किया,
न अपनी ही है कुछ खबर मुझे,
न तेरा ही है कुछ मुझे पता...!!
बता दे मुझे .......................
female voice.....
क्यों मुझको दी ये सज़ा..?
मेरी है क्या खता...?
कुछ तो कहो हमें,
ये तुमको क्या हुआ..??
male voice.....
मैं क्यों दीवाना हो गया बता
तुने ये कैसा जादू है किया..?
न अपनी ही है कुछ .........
न तेरा ही है....................
male voice......
ख़्वाबों मैं तुझे खोजते रहे,
हर लमहा तुझे सोचते रहे,
दिल मैं लिखा है नाम बस तेरा...
क्या जाने क्या नसीब मैं लिखा...
तू ने ये कैसा जादू है किया .......!!!

वो शख्स न मिला...........

ख्वाब में मिला,
जब भी मुझे मिला,
लेकिन मुझे कभी...
वो शख्स न मिला,,
ख्वाब में.............!!

तन्हाइयां मिलीं ,
रुसवाइयां मिलीं,
परछाइयां मिलीं,
वो शख्स ना मिला, 
ख्वाब में.............!!

चेहरे बहुत मिले,
मुस्कान में खिले,
बरसों ये सिलसिले,
वो शख्स ना मिला,,
ख्वाब में.............!!

लंबी है ये डगर,
अनजान सा सफर,
क्यों ढूँढती नज़र,
वो शख्स ना मिला,,
ख्वाब में............!!  

मेरी कश्ती है तूफां में, मुझे कुछ डर नहीं होता

मेरी कश्ती है तूफां में, मुझे कुछ डर नहीं होता
ज़मीं  मेरी फलक मेरा , कभी बेघर नहीं होता ,
सुबह से शाम हो जाये , कोई अंजाम हो जाए
मैं तेरा हूँ, तू मेरा है, ये चर्चा आम हो जाये ...
यही तो चाहता हूँ मैं, मगर अक्सर नहीं होता
मेरी कश्ती है तूफां में  ...............................
बहारें दिल में होती हैं ,नज़ारे दिल में होते हैं ,
कहीं भी दूर हो गर तू ,सहारे दिल होते हैं ......
मैं तेरे साथ हूँ पल - पल कभी बेघर नहीं होता,
मेरी  कश्ती है तूफां में .................................
कभी आंधी में तूफां में,कहीं घिरते हैं जब बादल
तुझे मैं ढूँढता हूँ,, सब मुझे कहते रहें पागल
मेरी आखों से फिर भी  दूर  वो मंज़र नहीं होता...
मेरी कश्ती है तूफां में....................