यूँ किसी भी बात पर,,,, उन से गिला होता नहीं
पर मोहब्बत का भी अब तो सिलसिला होता नहीं
खुश्बुओं को क्यों मगर,,,,,, सब हैं वहीँ पर ढूंढते
जिस किसी गुलशन में कोई गुल खिला होता नहीं
यूँ हवा के एक झोंके से,,,,,,,,,, उखड जाते हैं पेड़
और कभी तूफ़ान में,,,,,,,, पत्ता हिला होता नहीं
हम भी तो महरूम रहते,,,,, उस नए अहसास से
जिंदगी के मोड़ पर,,,,,,, गर वो मिला होता नहीं
दोस्तों की महफ़िलों में,,,,,, कहकहों के दरमियाँ
हाथ मिल जाते हैं लेकिन,, दिल मिला होता नहीं
पर मोहब्बत का भी अब तो सिलसिला होता नहीं
खुश्बुओं को क्यों मगर,,,,,, सब हैं वहीँ पर ढूंढते
जिस किसी गुलशन में कोई गुल खिला होता नहीं
यूँ हवा के एक झोंके से,,,,,,,,,, उखड जाते हैं पेड़
और कभी तूफ़ान में,,,,,,,, पत्ता हिला होता नहीं
हम भी तो महरूम रहते,,,,, उस नए अहसास से
जिंदगी के मोड़ पर,,,,,,, गर वो मिला होता नहीं
दोस्तों की महफ़िलों में,,,,,, कहकहों के दरमियाँ
हाथ मिल जाते हैं लेकिन,, दिल मिला होता नहीं